सिरोही, 14 जनवरी। जिले में कृषि विकास के कार्यक्रमों के प्रभावी, गुणवतापूर्ण, उद्देश्यपरक एवं समयबद्घ क्रियान्वयन के लिए गठित जिला स्तरीय कृषि समिति की बैठक आज जिला कलेटर सभागार में जिला कलेटर मदनसिंह काला की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई।
बैठक में श्री काला ने उपस्थित सदस्यों को निर्देशित किया कि कृषि के वैश्विक परिदृश्य एवं आर्थिक महत्व के मद्देनजर जिले के कृषकों को उन्नत कृषि तकनीक तथा विपणन व्यवस्था के प्रति जागरूक तथा प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है। उन्होंने मिट्टी की उर्वरकता शित को बनाये रखने के लिए किसानों से आग्रह किया कि जैविक संसाधनों का उचित उपयोग किय जाए तथा गोबर को ढेरी में नहीं डाले अपितु कम्पोस्ट खाद बनाने के लिए वैज्ञानिक तरीके से गड्ढे में दबाकर सडावें। इससे किसान महंगे रासायनिक खादों का उपयोग कम कर सकते है। उन्होंने जिले में गौशालाओं को वर्मी कम्पोस्ट बनाने के लिए प्रेेरित करने की आवश्यकता जताई।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी एस.एस. पंवार ने कृषकों को समय पर उन्नत बीज, उर्वरक एवं कीटनाशी रसायनों की उपलधता सुनिश्चित करने तथा गुण नियंत्रण कार्यक्रम में गति लाने के निर्देश दिए ताकि कृषकों को गुणवत्तायुत कृषि आदान उपलध हो सकें।
उप निदेशक कृषि विस्तार जे.सी. मेघवंशी ने फसलों की बुवाई प्रगति, फसलों की स्थिति, आदान व्यवस्था, विभागीय योजनाओं एवं गतिविधियों तथा मौसम आधारित फसल बीमा योजना की प्रगति पर विस्तृत जानकारी दी। बैठक में उप निदेशक पशुपालन इन्द्रसिंह पंवार, अग्रणी जिला प्रबंधक, कृषि विज्ञान केन्द्र, केन्द्रीय सहकारी बैंक तथा सहायक रजिस्ट्रार सहकारी समिति के प्रतिनिधि सहित प्रगतिशील कृषक कालूराम माली ने भी अपने विचार व्यत कियेे।
बैठक में कृषि अनुसंधान अधिकारी डॉ. प्रकाश कुमार, कृषि अधिकारी चेतन प्रकाश वर्मा, सहायक कृषि अधिकारी फूलाराम मेघवाल भी उपस्थित थे।
बैठक में श्री काला ने उपस्थित सदस्यों को निर्देशित किया कि कृषि के वैश्विक परिदृश्य एवं आर्थिक महत्व के मद्देनजर जिले के कृषकों को उन्नत कृषि तकनीक तथा विपणन व्यवस्था के प्रति जागरूक तथा प्रशिक्षित करने की आवश्यकता है। उन्होंने मिट्टी की उर्वरकता शित को बनाये रखने के लिए किसानों से आग्रह किया कि जैविक संसाधनों का उचित उपयोग किय जाए तथा गोबर को ढेरी में नहीं डाले अपितु कम्पोस्ट खाद बनाने के लिए वैज्ञानिक तरीके से गड्ढे में दबाकर सडावें। इससे किसान महंगे रासायनिक खादों का उपयोग कम कर सकते है। उन्होंने जिले में गौशालाओं को वर्मी कम्पोस्ट बनाने के लिए प्रेेरित करने की आवश्यकता जताई।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी एस.एस. पंवार ने कृषकों को समय पर उन्नत बीज, उर्वरक एवं कीटनाशी रसायनों की उपलधता सुनिश्चित करने तथा गुण नियंत्रण कार्यक्रम में गति लाने के निर्देश दिए ताकि कृषकों को गुणवत्तायुत कृषि आदान उपलध हो सकें।
उप निदेशक कृषि विस्तार जे.सी. मेघवंशी ने फसलों की बुवाई प्रगति, फसलों की स्थिति, आदान व्यवस्था, विभागीय योजनाओं एवं गतिविधियों तथा मौसम आधारित फसल बीमा योजना की प्रगति पर विस्तृत जानकारी दी। बैठक में उप निदेशक पशुपालन इन्द्रसिंह पंवार, अग्रणी जिला प्रबंधक, कृषि विज्ञान केन्द्र, केन्द्रीय सहकारी बैंक तथा सहायक रजिस्ट्रार सहकारी समिति के प्रतिनिधि सहित प्रगतिशील कृषक कालूराम माली ने भी अपने विचार व्यत कियेे।
बैठक में कृषि अनुसंधान अधिकारी डॉ. प्रकाश कुमार, कृषि अधिकारी चेतन प्रकाश वर्मा, सहायक कृषि अधिकारी फूलाराम मेघवाल भी उपस्थित थे।
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