शिशुओं के जीवन और भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए टीकाकरण सबसे प्रभावी तरीका– सीएमएचओ डॉ. राजेश कुमार
नियमित टीकाकरण का दो दिवसीय द्वितीय प्रशिक्षण बैंच हुआ संपन्न.........
सिरोही- बच्चों के जीवन और भविष्य की सुरक्षा के लिए सबसे प्रभावी और किफायती तरीकों में से एक है -टीकाकरण। शिशुओं को जीवित रहने के लिए टीकाकरण जरूरी है। नियमित टीकाकरण को छोड़ने से नवजात के जीवन पर जानलेवा प्रभाव पड़ सकता है। शिशुओं के जीवन और भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए टीकाकरण सबसे प्रभावी और कम लागत का तरीका है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजेश कुमार ने बताया की जिले की चिकित्सा संस्थानों पर कार्यरत एएनएम को नियमित टीकाकरण के सुदृढ़ीकरण के लिए दो दिवसीय डीईआईसी भवन सिरोही में प्रशिक्षण का द्वितीय बैच संपन्न हुआ। उन्होने ने बताया कि नियमित टीकाकरण से बच्चों के शरीर के अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है जिससे वे विभिन्न प्रकार की बीमारियों से सुरक्षित होते हैं। बच्चों के नियमित टीकाकरण से वे जल्दी किसी भी बीमारी की चपेट में नहीं आते हैं। समय पर टीकाकरण नहीं कराने वाले बच्चों के बीमार होने का खतरा अधिक होता है, ऐसे बच्चे बार- बार बीमार होकर कमजोर व कुपोषित हो जाते हैं जिसका असर उनके शरीर एवं मन पर पड़ता है।
सीएमएचओ डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि नियमित टीकाकरण के सुदृढ़ीकरण के लिए दो दिवसीय डीईआईसी भवन सिरोही में प्रशिक्षण का द्वितीय बैच संपन्न हुआ। प्रशिक्षण पश्चात एएनएम को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
जानलेवा बीमारियों से करता है बचाव
जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. विवेक कुमार ने बताया की बच्चों के जानलेवा बीमारियों से बचाव के टीके लगाना सभी बच्चों के लिए जरूरी होता है। खसरा, टिटनेस, पोलियो, क्षय रोग, गलघोंटू, काली खांसी और हेपेटाइटिस बी जैसे रोगों से बचने के लिए समय पर टीकाकरण जरूरी है। कुछ टीके गर्भवती महिलाओं को भी लगाए जाते हैं, जिससे उन्हें व होने वाले शिशु को टिटनेस व अन्य गंभीर बीमारियों से बचाया जा सके। बच्चों को जुकाम, बुखार होने पर उन्हें टीका न लगवायें। प्रशिक्षण में मास्टर ट्रेनर डॉ. सुरेंद्र सिंह ने प्रशिक्षण दिया ने दिया साथ ही आरसीएचओ कार्यालय के डीईओ महेन्द्र कुमार का सहयोग रहा।


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