जयपुर,14 जनवरी,2013
यह कल्पना नहीं सच्चाई है कि राजस्थान में सुगम, सुलभ एवं सुचारू परिवहन व्यवस्था
परिलक्षित हुई है। वर्तमान सरकार के गठन के बाद दिसम्बर, 2008 से अब तक परिवहन क्षेत्र
में ठोस कदम उठाए गए है और अनेक महत्वपूर्ण व उल्लेखनीय कार्य किए गए है। मुख्यमंत्री
श्री अशोक गहलोत की परिवहन सुविधाओं के विस्तार एवं विकास की प्रतिबद्घता के दृष्टिगत
प्रदेशवासियों में सुरक्षित और सुगम परिवहन के प्रति दृढ़ विश्वास कायम हुआ है।
वर्तमान सरकार ने गांव से
लेकर शहरों तक प्रदेशवासियों को सुगम परिवहन सुविधाएं उपलब्ध करवायी है। राजस्थान क्षेत्रफल
की दृष्टि से देश का सबसे बड़ा राज्य है। परिवहन सुविधाओं के विस्तार जैसी चुनौतियों
के बावजूद भी योजनाबद्घ एवं सुनियोजित प्रयास किए गए है। राज्य सरकार ने एक ओर गांव
से शहरों तक सुगम परिवहन सुविधा उपलब्ध करवायी तो दूसरी तरफ सरकार की सख्त कार्रवाई
से अवैध परिवहन गतिविधियों पर लगाम लगाई गई है।
राज्य में परिवहन सेवाओं
के सुचारू संचालन एवं परिवीक्षण के लिए प्रदेश में परिवहन की दृष्टि में ग्यारह संभागों
एवं सैतीस परिवहन जिलों में विभाजित किया गया। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत द्वारा
वर्ष 2012-13 में की गई बजट घोषणा के अनुसार दो प्रादेशिक, सात जिला परिवहन कार्यालय एवं एक
प्रवर्तन विंग का गठन भी कर दिया गया है। जयपुर एवं भरतपुर में प्रादेशिक एवं अतिरिक्त
आर.टी.ओ. का पदस्थापन कर दिया गया है।
राज्य सरकार नागरिकों को
सुव्यवस्थित एवं सुरक्षित परिवहन की आधारभूत एवं आधुनिक सुविधाएं सुलभ करवाने तथा प्रदूषण
नियंत्रण संबंधी गतिविधियों के क्रियान्वयन के लिए प्रतिबद्घ है। इसके लिए केन्द्र
सरकार ने जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय अरबन रिन्युअल मिशन के शर्तों की पूर्ति के उद्देश्य
से मै. राजस्थान इन्फास्ट्रक्चर डवलपमेन्ट फण्ड का गठन कर नियम बनाकर 29 फरवरी,2012 को अधिसूचित किए जा चुके
है।
परिवहन सुविधाओं के विस्तार
के लिए ग्राम पंचायत मुख्यालयों से तहसील व जिला मुख्यालयों के लिए यात्रियों को संसाधन
उपलब्ध कराने हेतु निजी सहभागिता (पी पी पी) मॉडल पर कलस्टर्स के माध्यम से जोड़ा जा
रहा है। इसमें अलवर जिले के नौ कलस्टर्स के 38 मार्गाें पर 93 बसों, दौसा के चार कलस्टर्स के
15 मार्गांे
पर 43 बसों,
करौली के दो कलस्टर्स
के सात मार्गाें पर 21 बसों तथा उदयपुर के कलस्टर्स के दस मार्गाे पर 27 बसों के संचालन के लिए एकल निविदा
प्राप्त हो गई है। इनको सक्षम समिति की अभिशंषा के साथ अनुमोदन के लिए राज्य सरकार
को प्रेषित कर दिया गया है। राजस्थान पथ परिवहन निगम को ब्याजमुक्त ऋण उपलब्ध कराने
के निर्णय के तहत निगम को दस करोड़ रुपये का ऋण स्वीकृत कर भुगतान किया जा चुका है।
राज्य में यात्री परिवहन
के लिए विभिन्न मार्गाें पर राज्य परिवहन निगम की 4 हजार 600 बसें संचालित है। जयपुर शहर में
280 तथा अजमेर
शहर के लिए 35 बसें अतिरिक्त लगाई हुई है। निजी क्षेत्र की बसोंं के लिए 27 हजार 177 स्टेट कैरिज परमिट प्रभावी
हैं। यात्री सेवा के विस्तार के लिए इस वित्त वर्ष में 2 हजार 420 स्टेट कैरिज परमिट और 10 हजार 407 नए कॉन्ट्रेक्ट कैरिज परमिट
जारी किए गए है। यात्रियों की सुविधाओं के लिए 141 नए मार्ग खोले गए हैं।
अन्तर्राज्यीय यात्री परिवहन
के लिए पडा़ैसी राज्यों के विभिन्न शहरों तक राज्य के यात्रियों की सुविधा वास्ते अन्तर्राज्यीय
परिवहन व्यवस्था हेतु राज्य सरकार कर दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड तथा महाराष्ट्र
से पारस्परिक समझौता प्रभावी है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले राज्यों
में बसों के संचालन के लिए अन्तर्राज्यीय अनुबंध राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा व उत्तरप्रदेश राज्यों के
मध्य किया गया है। पर्यटन विकास योजना के तहत आमजन एवं पर्यटन से जुड़े लोगों की सुविधा
के लिए विभाग में अखिल भारतीय पर्यटन अनुज्ञापत्र जारी करने की शक्तियों का मुख्यालय
से प्रादेशिक परिवहन कार्यालयों में विकेन्द्रीकरण किया गया है।
राज्य मे जन सुविधा,
पारदर्शी एवं संवेदनशील
प्रशासन के लिए सभी परिवहन कार्यालयों में सहायता काउन्टर खोलने के साथ ही सिटीजन चार्टर
लगाकर शिकायत प्रकोष्ठ स्थापित किए है। इसके साथ ही राज्य स्तर पर मुख्य सचिव तथा जिलों
में जिला कलेक्टर की अध्यक्षता मे यातायात प्रबन्धन समितियों का गठन भी किया गया है।
चालक लाइसेंस एवं वाहन पंजीयन के लिए ’सारथी’ एवं ’वाहन’ सॉफ्टवेयर तैयार कर परिवहन विभाग को कम्प्यूटर नेटवर्क से जोड़ा
जा रहा है। इसके लिए भारत सरकार द्वारा 6 करोड़ 60 लाख 60 हजार तथा राज्य सरकार ने 2 करोड़ 4 लाख 50 हजार रुपये व्यय किए है। इसमें वाहन
रजिस्ट्रेशन का कार्य वाहन सॉफ्टवेयर के माध्यम से सभी जिलों में चालू किया जा चुका
है। सारथी सॉफ्टवेयर से लाइसेंस का कार्य 10 परिवहन कार्यालयों में लागू हो गया
है।
परिवहन सेवाओं के तहत लर्निंग
लाइसेंस के आवेदनों के यातायात नियमों के ज्ञान की परीक्षा लेने के लिए परिवहन कार्यालयों
में कम्प्युटराइज्ड कियोस्क स्थापित किए गए है और लर्निंग लाइसेंस ऑनलाइन बनाने का
कार्य भी शुरू किया जा रहा है। निजी मोटर ड्राइविंग स्कूलों के लिए भी टच स्क्रीन कियोस्क
पर टेस्ट लेना अनिवार्य किया गया है।
रोडवेज : आरामदायक सफर प्रमुख लक्ष्य :
राजस्थान रोडवेज यात्रियों
आरामदायक सफर करवानें के लिए प्रतिबद्घ है। राज्य पथ परिवहन निगम द्वारा स्वयं की एवं
अनुबंध पर वाहन लेकर अत्याधुनिक सुपर लग्जरी वोल्वो एवं मर्सडीज बसें संचालित की जा
रही है और आगामी 5 वर्षाें मे प्रति वर्ष 500 नईं बसे खरीदने का लक्ष्य भी रखा गया है। इसके अलावा अनुबंध
पर बसे लेकर वाहन संचालित करने की भी योजना है। निगम ने गत वित्त वर्ष में 423 नईं बसों की खरीद की है। रोडवेज
की ओर से यात्रियों को अधिकाधिक सुविधाजनक सफर उपलब्ध करवाया जा रहा है।
राज्य में ग्रामीण परिवहन
सेवा के संचालन के लिए मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की बजट घोषणा के अनुसार आगामी वर्षाें
मे समस्त ग्राम पंचायतों को बसों से जोडऩे की योजना है। उसके लिए संकल्पना रिपोर्ट
तैयार की गई है जिसमें प्रोजेक्ट की वृहद् योजना सम्मिलित है। वर्तमान में 4 हजार 49 ग्राम पंचायतों को बस सेवाओं
से जोड़ा जा चुका है। ग्रामीण परिवहन सेवा के तहत राज्य की साढ़े चार हजार ग्राम पंचायतों
में से 1 हजार 800 मिडी बसों का संचालन किया जाना प्रस्तावित
है तथा शेष ग्राम पंचायतों को जोडऩे के लिए आवश्यक सर्वे एवं कार्यवाही करवाकर आगामी
दो वर्षाे में क्रियान्वयन किया जाएगा।
बस स्टेण्डों के निर्माण
एवं आधुनिकीकरण के लिए भी रोडवेज के प्रमुख बस स्टेण्डों को बी ओ टी के आधार पर तैयार
कर अन्तर्राष्ट्रीय स्तर का बनाकर यात्रियों को सुविधाएं उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया
गया है। इन बस स्टेण्डों को कॉमर्शियल हब के रूप में बनाया जाएगा। इनमें कोटा में बस
टर्मिनल निर्माणाधीन है तथा अलवर में पी पी पी मॉडल पर बस स्टेण्ड निर्माण की कार्यवाही
प्रक्रियाधीन है। केन्द्रीय बस स्टेण्ड सिन्धी कैम्प जयपुर में ’टर्न की’ के आधार पर उच्च स्तरीय बस
स्टेण्ड का निर्माण भी प्रक्रियाधीन है। राज्य सरकार ने आधुनिकीकरण के लिए दस करोड़
रुपये की वित्तीय सहायता एवं इतनी ही राशि के ब्याजमुक्त्त ऋण के लिए स्वीकृति दी है।
जोधपुर एवं बाड़मेर मे आधुनिक एवं उच्च स्तरीय सुविधायुक्त बस स्टैण्ड बनाने की योजना
प्रस्तावित है तथा जयपुर के झालाना डूंगरी में भी आधुनिक बस स्टेण्ड की कार्य योजना
बनायी गई है।
रोडवेज अपनी विभिन्न श्रेणी
की 4 हजार 600 बसों द्वारा प्रतिदिन करीब
तेरह लाख यात्रियों को परिवहन सुविधा सुलभ करा रहा है। बस सेवाओं के यात्रियों को प्रभावी,
सुरक्षित तथा उपयोगकर्ताओं
के हित में आई टी रोड मेप (इन्टीग्रेटेड मैनेजमेंंट सिस्टम) का प्रयोग किया गया है।
इसमें इलेक्ट्रोनिक फेयर कलेक्शन सिस्टम, आनलाइन रिजरवेशन व एम आई एस, व्हीकल शैडयुलिंग, डिस्पेच, ट्रेकिंग व पैसेंजर इन्फोरमेशन
सिस्टम, स्मार्ट
टेली कार्ड कन्शेसनल पास सिस्टम, ई-प्रोक्युरमेंट टेंडरिंग, एकाउन्टस कम्प्युटराईज्ड आदि सेवाएं
है।
राजस्थान पथ परिवहन निगम
में चालक, परिचालक एवं आर्टीजन ग्रेड द्वितीय एवं तृतीय के 1 हजार 657 तथा विभिन्न श्रेणी के 206 अधिकारियों के पदों पर भर्ती
की जा चुकी है। इसके अलावा 445 विभिन्न श्रेणियों के पदों की भर्ती की प्रक्रिया भी पूरी की
गई है। निगम में आगामी वर्षाें में सेवानिवृत्ति से होने वाले रिक्त पदों पर भी तीन
वर्षाेंं के लिए नई भर्ती की कार्ययोजना भी तैयार कर ली गई है।
राज्य सरकार ने रोडवेज की
वित्तीय स्थिति में सुधार के लिए वित्तीय पुनर्गठन के लिए 215 करोड़ रुपये की अंशपूंजी
के रूप देने का निर्णय लिया है। निगम को 500 करोड़ की राशि के बॉण्डस
जारी करने के लिए राज्य सरकार की गारन्टी दी गई है। इसके अतिरिक्त आर टी आई डी एफ के
अन्तर्गत नई बसों के क्रय पर वर्ष 2011-12 के लिए लगभग 25 करोड़ रूपये निगम को दिए गए है तथा
चालू वित्त वर्ष में 50 करोड़ की अनुदान राशि मिलना संभावित है। राज्य सरकार द्वारा
अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस एवं रक्षाबंधन पर महिलाओं की नि:शुल्क यात्रा राशि तथा
विभिन्न श्रेणी के नि:शुल्क एवं रियायती यात्राओं के लिए भी 50 करोड़ की राशि का पुर्नभरण
किया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत
की वर्तमान सरकार का दिसम्बर, 2008 में कार्यभार सम्भालने के बाद जन सेवा के लिए गए फैसलों के
बाद रोडवेज की ओर से नि:शक्तजनों की सभी सात श्रेणियों अंधता, कम दृष्टि, मानसिक मंदता व रूग्णता,
कुष्ठरोगमुक्त,
कम श्रवण शक्ति,
चलन नि:शक्तग्रसित
व्यक्तियों को नि:शुल्क यात्रा की सुविधा उपलब्ध करवायी जा रही है। पदम पुरस्कार से
सम्मानित, अन्तर्राष्ट्रीय खेल स्पर्धाओं में राज्य के पदक विजेता, राष्ट्रपति पुलिस मैडल फॉर
गेलेन्ट्री अवार्ड से सम्मानित व्यक्तियों को भी रोडवेज की बसों में नि:शुल्क यात्रा
का लाभ दिया गया है। स्वतंत्रता सैनानी, राज्य की अनुसूचित जाति एवं आदिवासी क्षेत्र की आदिवासी
बालिकाएं कक्षा 8 तक अध्ययन के लिए स्कूल जाने व आने के लिए तथा पत्रकारों को भी रोडवेज बसों में
नि:शुल्क यात्रा की सुविधा है। अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस एवं रक्षाबंधन पर महिलाओं
को भी नि:शुल्क यात्रा का लाभ मिल रहा है।
राज्य सरकार रोडवेज की बसों
में कैंसर रोगी, असंक्रामक कुष्ठ रोगी, थैलीसीमिया व एड्स रोगी को भी 75 प्रतिशत, विद्यार्थी, राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर
पर पुरस्कृत शिक्षक, कैंसर व थैलीसीमिया रोगी के सहायक को
50 प्रतिशत,
60 वर्ष तथा इससे अधिक
के वरिष्ठ नागरिकों को 30 प्रतिशत, महिलाओं द्वारा समूह में न्यूनतम 5 महिलाओं के यात्रा करने तथा आदिवासी
जनजाति क्षेत्रों में साधारण सेवा वाहनों में आदिवासियों को यात्रा करने पर 25 प्रतिशत की रियायत दी जा
रही है।
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